दारिद्रय दहन स्तोत्र | Daridraya Dukha Dahana Stotram

"दारिद्रय दहन स्तोत्र"नाम से ही स्पष्ट  हो जाता है की दरिद्रता यानी कि धन की कमी को दूर करने के लिए दारिद्र दहन स्तोत्र किया जाता है। इसे धन-वैभव की प्राप्ति के लिए बहुत अच्छा माना गया है । महर्षि वशिष्ठ द्वारा इस स्तोत्र की रचना की गई है। इस स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना शुभकारी माना गया है भगवान् शिव को प्रसन्न करने के लिए यह श्लोक उत्तम मन गया है । 

इस स्त्रोत में भगवान् शिव की स्तुति की जाती है। इसका पाठ करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसे स्तोत्र के पाठ से  स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है। तो आइये जानते हैं क्या है दारिद्रदहन स्तोत्र और इसका अर्थ।

दारिद्रदहन स्तोत्र और इसका अर्थ | Meaning of Daridraya Dukha Dahana Shiva Stotram

विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय

शशिशेखराय धारणाय कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…

अर्थ हिंदी- विश्व के स्वामीरूप विश्वेश्वर, नरकरूपी संसारसागर से उद्धार करने वाले, कानों से श्रवण करने में अमृत के समान नाम वाले, अपने भाल पर चन्द्रमा को आभूषणरूप में धारण करने वाले, कर्पूर की कान्ति के समान धवल वर्ण वाले, जटाधारी और दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय कालान्तकाय

भुजंगाधिप कंकणाय गंगाधराय गजराज विमर्दनाय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…

अर्थ हिंदी – माता गौरी के अत्यन्त प्रिय, रजनीश्वर (चन्द्रमा) की कला को धारण करने वाले, काल के भी अन्तक (यम) रूप, नागराज को कंकणरूप में धारण करने वाले, अपने मस्तक पर गंगा को धारण करने वाले, गजराज का विमर्दन करने वाले और दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

भक्ति प्रियाय भवरोग भयापहाय

उग्राय दुर्गमभवसागर तारणाय

ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…

अर्थ हिंदी – भक्तिप्रिय, संसाररूपी रोग एवं भय के विनाशक, संहार के समय उग्ररूपधारी, दुर्गम भवसागर से पार कराने वाले, ज्योति स्वरूप, अपने गुण और नाम के अनुसार सुन्दर नृत्य करने वाले तथा दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय

भालेक्षणाय मणिकुंडल मण्डिताय

मंजीर पादयुगलाय जटाधराय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय….


अर्थ हिंदी – व्याघ्रचर्मधारी, चिताभस्म को लगाने वाले, भाल में तीसरा नेत्र धारण करने वाले, मणियों के कुण्डल से सुशोभित, अपने चरणों में नूपुर धारण करने वाले जटाधारी और दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

Daridraya dukha dahana shiva stotram hindi lyrics

पंचाननाय फणिराज विभूषणाय

हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय

अनन्त भूमि वरदाय तमोमयाय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…

अर्थ हिंदी – पांच मुख वाले, नागराजरूपी आभूषणों से सुसज्जित, सुवर्ण के समान वस्त्र वाले अथवा सुवर्ण के समान किरणवाले, आनन्दभूमि (काशी) को वर प्रदान करने वाले, सृष्टि के संहार के लिए तमोगुणाविष्ट होने वाले तथा दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

भानुप्रियाय भवसागर तारणाय

कालान्तकाय कमलासन पूजिताय

नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…

अर्थ हिंदी – सूर्य को अत्यन्त प्रिय भवसागर से उद्धार करने वाले, काल के लिए भी महाकालस्वरूप, कमलासन (ब्रह्मा) से सुपूजित, तीन नेत्रों को धारण करने वाले, शुभ लक्षणों से युक्त तथा दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

रामप्रियाय रघुनाथ वर प्रदाय

नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय

पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…

अर्थ हिंदी – राम को अत्यन्त प्रिय रघुनाथजी को वर देने वाले, सर्पों के अतिप्रिय, भवसागररूपी नरक से तारने वाले, पुण्यवानों में अत्यन्त पुण्य वाले, समस्त देवताओं से सुपूजित तथा दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय

गति प्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय

मातंग चर्मवसनाय महेश्वराय

दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय

अर्थ हिंदी – मुक्तजनों के स्वामीरूप, चारों पुरुषार्थों को फल को देने वाले, स्तुतिप्रिय नन्दीवाहन, गजचर्म को वस्त्ररूप में धारण करने वाले, महेश्वर तथा दरिद्रतारूपी दु:ख के विनाशक भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।।

इति श्री दारिद्रय दहन स्तोत्रम।  

Daridraya Dukha Dahana Stotram

 

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