संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र | Complete Maha Mrityunjay Mantra
महामृत्युंजय मंत्र की रचना करनेवाले मार्कंडेय ऋषि है। मार्कंडेय ऋषि , तपस्वी और तेजस्वी "मृकण्ड "ऋषि के पुत्र थे। यह संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित वह मंत्र हैं। इस मंत्र की रचना ऋषि मारकंडेय जी ने अकाल मृत्यु /संकट को दूर करने के लिए। दुनिया के सभी लोग इस मंत्र के जाप से आकाल मृत्यु को टाल सकते है।
संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र निचे लिखा हुआ है।
महामृत्युंजय मंत्र
॥ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ॥
तो यह है संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र।
अगर आप संकल्प के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहते है तो उसकी विधि इस प्रकार है।
महामृत्युंजय संकल्प मंत्र | संकल्प के साथ संपूर्ण मंत्र
श्री महामृत्युंजय मंत्रस्य अमुक संख्यापरिमितं जपमहंकरिष्ये वा कारयिष्ये।
इसके बाद आप "महामृत्युंजय मंत्र" का पाठ करें
|| ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ ||
इस पोस्ट में हमलोग जगह-जगह महामृत्युंजय मंत्र अर्थ सहित लिख हुआ प्रस्तुत करेंगे।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ और महामृत्युंजय मंत्र लिखा हुआ दिखाइए का उत्तर इस आर्टिकल में दिया गया है।
महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे | Mahamritunjay Mantra Benefits
काल मृत्यु, महारोग, धन-हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसे स्थितियों में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इसके चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं। इन सभी समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।
1.इस मंत्र के रोजाना जाप से अकाल मृत्यु टलती है।
2.नियमित रूप से सारे नियम का पालन करते हुए इस मंत्र का पाठ करें तो आरोग्य की प्राप्ति होती है।
3.यह मंत्र देश, काल और परिस्थिति के अनुसार हर स्थान पर शुभ फल देता है।
4.सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है की ,आपको भगवान् शिव पर अटूट आस्था रखनी होगी ,उसके बाद आपकी हर मनोकामना पूरी हो जायेगी।
तो इस प्रकार महामृत्युंजय मंत्र का लाभ यही समाप्त होता है।
बहुत लोग सर्च करते है की महामृत्युंजय मंत्र लिखा हुआ चाहिए तो हमने इस आर्टिकल में आपको शेयर किया है।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है "मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र "जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, ऋग्वेद का एक श्लोक है। यह श्लोक यजुर्वेद में वर्णित है तो इसके प्रमाण की आवश्यकता ही नहीं है । इस महामंत्र में 32 शब्द हैं। ‘ॐ’ लगा देने से 33 शब्द हो जाते हैं। इसे ‘त्रयस्त्रिशाक्षरी’ या तैंतीस अक्षरी मंत्र कहते हैं। मुनि वशिष्ठजी ने इन 33 शब्दों के 33 देवता अर्थात् शक्तियां परिभाषित की हैं। इस मंत्र में आठ वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्य और एक वषट हैं।गायत्री मंत्र के साथ यह समकालीन हिंदू धर्म का सबसे व्यापक रूप से जाना जाने वाला मंत्र है। देवो के देव शिव जी को मृत्युंजय के रूप में समर्पित इस महान मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद में भी पाया जाता है।
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