सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते | Sawan mein kadhi kyu nahi khate

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते हैं। 

सावन में कढ़ी नहीं खाना चाहिए इसके पीछे कई कारण है। सावन के महीने में दही, कढ़ी, साग और कच्चे दूध से बनी चीजों को खाने की मनाही की जाती है। कढ़ी बनाने में दही का उपयोग होता है, भगवान शिव पर सावन के महीने में दही और कच्चा दूध चढ़ाया जाता है। ऐसे में इसे पीना वर्जित है। आइये जानते हैं की कढ़ी क्यों नहीं खाना चाहिए। सावन में कढ़ी, दही, साग और कच्चे दूध से बनी चीजों को क्यों नहीं खाना चाहिए।

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते इसके प्रमुख कारण हैं ;

  • बारिश में कढ़ी पचाने में दिक्कत महसूस हो सकती है। 
  • इसको  खाने के वजह से वात ,पीत की समस्या होती है। 
  • सावन के मौसम में साग-पात में कीड़े ज्यादा होते हैं इसलिए इन्हे खाने की मनाही की जाती है। 
  • आयुर्वेद अनुसार मानसून के मौसम में दही का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। 
  • बरसात के महीने में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम सेंसेटिव होता इसलिए हमें काम बैक्टीरिया वाले चीज़ खानी चाहिए। 

सावन में कढ़ी  क्यों नहीं खाते

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते | Sawan mein kadhi kyu nahi khate

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते इसके वैज्ञानिक कारण

kadhi में पड़ने वाले सामग्री में मुख्य दही होता है जो बैक्टीरिया का स्तोत्र होता है और बारिश में बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं।आयुर्वेद अनुसार मानसून के मौसम में दही का सेवन न करने की सलाह देता है, खासकर अगर आपको साइनस, कंजेशन या फेफड़ों की समस्या है।

बरसात के मौसम ममें हमारी पाचन क्रिया कमजोर पड़ जाती है, इसीलिए दही और कढ़ी का सेवन, सावन के महीने में  नहीं करना चाहिए। इन्हें पचाने में दिक्कत महसूस हो सकती है। साथ ही वात की समस्या भी हो सकती है।

kadhi में पड़ने वाले सामग्री में मुख्य दही होता है जो बैक्टीरिया का स्तोत्र होता है और बारिश में बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं।आयुर्वेद अनुसार मानसून के मौसम में दही का सेवन न करने की सलाह देता है, खासकर अगर आपको साइनस, कंजेशन या फेफड़ों की समस्या है।वहीं दही का जमाव भी जीवाणुओं द्वारा होता है, इसलिए दही और इससे बनी चीजें जैसे कढ़ी को नहीं खाना चाहिए।

बरसात के महीने में हमारा  डाइजेस्टिव सिस्टम सेंसेटिव होता है इसके वजह से वात ,पीत की समस्या होती है। यह भी कि इन चीजों में पहले की अपेक्षा हानिकारक बैक्टिरिया ज्यादा  बढ़ जाते हैं। बरसात के मौसम में साग-पात में कीड़े ज्यादा होते हैं। कच्चे दूध में भी हानिकारक बैक्टिरिया बढ़ जाते हैं इसलिए उसे अच्‍छे से उबालकर ही उपयोग में लें। विज्ञान कहता है कि सावन में मौसम ठंडा हो जाता है।
ऐसे में ठंडी चीजें नहीं खानी चाहिए।
 

सावन में मांस का सेवन नहीं करना चाहिए | Meat Eating Prohibited in Hinduism 

मांस खाना हिन्दू धर्म में निषेध है। 
मैंने अपने पोस्ट में बड़े ही विस्तार से बताया है की मांस क्यों नहीं खाना चाहिए। 

सावन में ही नहीं किसी भी मौसम में मांस नहीं खाना चाहिए। 
हमारे पूर्वज कोई भी चीज की मनाही ऐसे  ही नहीं करते थे ,उसके पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता था। 
यही है हमारे सनातन धर्म की विशेषता। तो इस पोस्ट के जरिये आप जान चुके होंगे कि सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते

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