दुर्गा कवच पाठ के लाभ | Durga Kavach Paath Benefits
तब ब्रह्माजी उन्हें बताते है कि , हे मार्कण्डेय ,एक अति गोपनीय मंत्र है, जो समस्त प्राणियों का हित व् उपकार करने वाला है। वह पुण्य गोपनीय मंत्र देवी दुर्गा का कवच है। दुर्गा कवच का यह कवच बहुत लाभ देना वाला मंत्र है। यह कवच पूरे सृष्टि में सभी चीज़ो से आपकी रक्षा करता है। इस अद्भुत दुर्गा कवच को उन्होंने मार्कण्डेय पुराण में ,दुर्गा सप्तशती पाठ के अंतर्गत लिखा गया है।
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दुर्गा कवच पाठ के लाभ | Durga Kavach Paath Benefits
1.दुर्गा कवच व्यक्ति की असुरी शक्तियों से रक्षा प्रदान करता है।
2. व्यक्ति के सभी रोगो से सरंक्षण करता है।
3. सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने में सहायक है।
4. यह देवी कवच हमारे बाहरी और आंतरिक अंगों की रक्षा करता है।
5. दुर्गा सप्तशती का कवच पाठ किये जाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
माँ दुर्गा की कहानी | Story of Durga Maa
यह पाठ देवी महात्मय ,को दुर्गा सप्तशती ( Durga Saptashati ) के नाम से भी जाना जाता है। भागवत पुराण में देवी कवच के बात का वर्णन मिलता है कि देवी सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति है। देवी दुर्गा बहुत ही गंभीर और क्रोधित प्रवृति की हैं। इन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है। अब जानते हैं देवी दुर्गा के जन्म की पौराणिक कथा।
जब देव और मानव दोनों लोक असुरों के अत्याचार से तंग आ गए तो उन्होंने ब्रह्मा जी की ओर रुख किया। सभी देवता गण ब्रह्मा जी के पास पहुँच असुरी शक्ति के खात्मे की बात कहने लगे। ब्रह्मा जी ने समाधान के रूप में यह कहा कि इसका नाश केवल कुंवारी कन्या ही कर सकती है। इस तरह से सभी देवताओं ने मिलकर एक शक्ति का निर्माण किया।
शक्ति का मुख भगवान शिव के तेज से बना। उनकी भुजाएं भगवान विष्णु के तेज से निर्मित हुई। इसके बाद ब्रह्मा जी के तेज से माता के दोनों चरण बने। यमराज के तेज से माथा और केश, चन्द्र देव के तेज से स्तन निर्मित हुए। वरुण देव के तेज से जाँघे, सूर्य देव के तेज से उंगलियां तथा अग्नि देव के तेज से आँखें निर्मित हुई हैं।
दुर्गा कवच का पाठ कैसे करें | Durga Kavach Paath
1. दुर्गा रक्षा कवच पाठ करने के लिए सबसे अच्छा दिन शुक्रवार माना जाता है।
2. इसके लिए प्रातःकाल स्नान कर दुर्गा मां की प्रतिमा को रखें और उसपर गंगाजल से छिड़काव करें।
3. इसके पश्चात देवी के समक्ष फल और लाल रंग का फूल अर्पित करें।
4. फिर माता के सामने धूप और घी का दीपक जलाएं।
5. इसके बाद दुर्गा मां के बीज मंत्र का 11 बार जाप करें।
6. मंत्र का जाप करने के बाद ध्यान लगाकर भगवती दुर्गा कवच का पाठ करना चाहिए।
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